टॉप न्यूज़शिमलाहिमाचल

Big Breaking…अवैध कब्जे नियमित नहीं होंगे, हाई कोर्ट ने रद्द की नीति, अगले 6 महीनों में अवैध कब्जे हटाने के निर्देश!

पब्लिक फोकस शिमला।

हिमाचल हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला — अब सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को नहीं मिलेगा संरक्षण!

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 23 साल पुरानी उस नीति को पूरी तरह रद्द कर दिया है, जिसके तहत सरकार सरकारी ज़मीन पर कब्जा करने वालों को ज़मीन नियमित करने का अधिकार देती थी,

कोर्ट ने साफ कहा कि ये नीति संविधान के अनुच्छेद 14 यानी “कानून के सामने सब बराबर हैं” — इसका सीधा उल्लंघन करती है,

अदालत ने कहा कि जो लोग नियमों का पालन करते हुए सरकारी ज़मीन पर कब्जा नहीं करते, उन्हें उन लोगों के बराबर नहीं माना जा सकता जो नियम तोड़कर कब्जा कर लेते हैं,

कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम की धारा 163-A को भी असंवैधानिक घोषित किया है,

इस नीति के तहत अब तक 1.65 लाख लोगों ने सरकारी ज़मीन को रेगुलर करवाने के लिए आवेदन किए थे,

पर अब कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए हैं कि सभी अवैध कब्जे हटाए जाएं और ये कार्य 28 फरवरी 2026 तक पूरा हो जाए,

साथ ही कब्जाधारियों से ही कब्जा हटाने का खर्च, टूटे ढांचों का खर्च और ज़मीन की तारबंदी तक की कीमत वसूली जाएगी,

जहाँ कब्जे वाली ज़मीन पर फलदार पेड़ लगे हैं, वहां फलों की नीलामी की जाएगी या उन्हें वन्यजीवों के लिए छोड़ दिया जाएगा,

इसके अलावा जो लोग बिना अनुमति के वन भूमि पर सेब के बाग लगा चुके हैं, वो भी हटाए जाएंगे और वहाँ फिर से वनों के पेड़ लगाए जाएंगे,

हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि ये फैसला ईमानदार नागरिकों के हक में है, और अब सरकार की कोई भी नीति अवैध कब्जों को वैध नहीं ठहरा सकती,

फैसले के अनुपालन के लिए महाधिवक्ता को निर्देश दिए गए हैं कि इसकी कॉपी राज्य के मुख्य सचिव, उपायुक्तों और संबंधित विभागों को भेजी जाए और समय पर रिपोर्ट दाखिल की जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!