
पब्लिक फोकस देहरादून।
उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से भारी तबाही मच गई है। खीरगंगा नदी में अचानक आए सैलाब ने पूरे धराली बाजार, होटलों, घरों और मंदिर को मलबे में बहा दिया है। आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि करीब 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
आपदा का विनाशकारी मंजर ऐसे बरपा-
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो तेज बारिश के बीच पहाड़ से पानी और मलबा इतनी तेजी से नीचे उतरा कि लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। सैलाब के साथ बड़े-बड़े पत्थर और लकड़ी के लट्ठे भी बहते आए, जिसने तबाही को और बढ़ा दिया। कई लोग चीखते-चिल्लाते भागने की कोशिश करते रहे, लेकिन कुछ ही सेकेंड में मकान, दुकानें और होटल माचिस की तीलियों की तरह बह गए। धराली का मुख्य बाजार पूरी तरह तबाह हो गया है। करीब 30 होटल और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है। कुछ लोगों को गांववालों और रेस्क्यू टीम ने पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षित पहुंचाया।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन मदद में जुटा –
आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दीं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना कर दिया है। घायलों के इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज दून और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए गए हैं।
जिला प्रशासन और पुलिस का अमला घटनास्थल की ओर रवाना हुआ, लेकिन नेताला के समीप गंगोत्री हाईवे मलबा आने से छह घंटे तक बंद रहने के कारण डीएम प्रशांत आर्य और एसपी सरिता डोबाल वहीं फंसे रहे। देर शाम लगभग 8:30 बजे मार्ग खुलने के बाद ही अधिकारी धराली पहुंच पाए। इस देरी ने मानसून सीजन में आपदा पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी है।
सेना और राहत टीमें जुटी-
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, हर्षिल पुलिस और भारतीय सेना राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। सेना के हेलीकॉप्टर—चिनूक, एमआई-17 वी5, चीता और एएलएच—चंडीगढ़ एयरबेस पर आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों के साथ तैयार हैं, जो मौसम अनुकूल होते ही उड़ान भरेंगे। अब तक राहत टीमों ने धराली गांव से 60 लोगों को कोपांग आईटीबीपी कैंप और 50 को गंगोत्री में सुरक्षित पहुंचाया है।
स्थानीय लोगों की सतर्कता से बची जान –
खीरगंगा में मलबा आते ही सबसे पहले मुखबा गांव के ग्रामीणों ने इसे देखा और सीटियां बजाकर धराली के लोगों को आगाह किया। कई लोग समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए, लेकिन कुछ खतरे को भांप नहीं पाए और सैलाब की चपेट में आ गए।
केंद्रीय नेतृत्व की प्रतिक्रिया-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। सीएम धामी ने आंध्र प्रदेश का दौरा रद्द कर सीधे देहरादून के आईटी पार्क स्थित आपदा परिचालन केंद्र में रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की।



