हिमाचल

मंडी को सिखाया घोड़ा पालन, 19 स्थानों पर लगाए प्रशिक्षण शिविर!

पब्लिक फोकस पालमपुर।

चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के पशु रोगविज्ञान विभाग द्वारा मंडी जिले के 19 स्थानों पर घोड़ा आधारित पशु चिकित्सा एवं जागरूकता शिविरों का सफल आयोजन किया गया। यह शिविर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद– नेशनल इक्वाइन रिसर्च सेंटर, हरियाणा द्वारा प्रायोजित “घोड़ा परियोजना” के अंतर्गत आयोजित किए गए।

कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण घोड़ा पालकों के जीवन स्तर को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने शिविर का नेतृत्व कर रहे डॉ. राकेश कुमार और उनकी टीम के प्रयासों की प्रशंसा की तथा अन्य जिलों में भी ऐसे कार्यक्रमों के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। “घोड़ा पालन से जुड़े पशुपालकों तक वैज्ञानिक जानकारी और स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाना न केवल पशु कल्याण को बढ़ावा देता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है,” उन्होंने कहा।

शिविरों का आयोजन दुगरेन, गोहर, बग, शाला, बर्जोहड़ू, जच्च, बगस्याड, थुनाग, जंजैहली, करसोग, धरमौर, पंगना, निहरी, रोहांडा, सैगलू, कोटली, गोखरा और कुन गांवों में किया गया। इन शिविरों में घोड़ों, खच्चरों और गधों की स्वास्थ्य जांच, परजीवी नियंत्रण (रक्त व मल जांच के माध्यम से), पोषण संबंधी परामर्श और रोगों की पहचान, रोकथाम व उपचार पर प्रशिक्षण दिया गया।

पालकों को मुफ्त दवाइयाँ, स्वच्छता और बीमारियों से संबंधित साहित्य तथा पोषण सामग्री भी वितरित की गई। डॉ. सोनाली मिश्रा ने पपरोला में समानांतर शिविर आयोजित कर कांगड़ा जिले में भी इस पहल को आगे बढ़ाया।

शिविरों के सफल आयोजन में डॉ. आर.के. असरानी (विभागाध्यक्ष), डॉ. राकेश कुमार (मुख्य अन्वेषक), डॉ. मुकेश महाजन (उप निदेशक, पशुपालन विभाग मंडी), ब्रुक संस्था से डॉ. सौरभ भारती और स्नेहा, तथा अनेक पशु चिकित्सकों जैसे डॉ. नवनीत चंदेल, डॉ. नवजोत, डॉ. ईश्वर दास, डॉ. अभिमन्यु, डॉ. ब्रिजलाल, डॉ. तनु पलसरा, डॉ. योगराज, डॉ. डेविड, डॉ. मनोज ठाकुर, डॉ. राखी, डॉ. सर्वज्ञा, डॉ. शालिनी, डॉ. त्रिभुवन आदि का विशेष योगदान रहा।

डॉ. जी.सी. नेगी कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज के डीन डॉ. ए.के. पांडा ने विभाग को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी और इसे पशुपालन तथा ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ करने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल बताया।

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