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Exclusive Breaking…भोरंज की सरकारी लोहड़ी में बंटी रेवड़ियां, दान देने वालों को रसीद तक नहीं। SDM ऑफिस बोला कोई रिकॉर्ड ही नहीं !

दिनेश भोगल, पब्लिक फोकस हमीरपुर।

सुक्खू सरकार के कार्यकाल में पहली बार भोरंज में मनाई गई लोहड़ी के दौरान रेवड़ियां तो खूब बंटी हैं, लेकिन किसने किसको बांटी इसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। RTI से यह खुलासा भी हुआ है कि भोरंज SDM ऑफिस ने लोहड़ी पर जो सरकारी आयोजन किया गया उसके लिए लोगों से सहयोग के नाम पर दान के रूप में तीन लाख से ज्यादा की धनराशि एकत्रित तो की गई लेकिन बाबजूद इसके दानवीरों को कोई रसीद तक नहीं दी गई हैं। बचित्र स्थिति तो यह है कि भुगतान नकद के साथ साथ बैंक खातों से भी किया गया है। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या दानवीरों ने स्वयं बैंक खाते में ही जाकर पैसे जमा करवा दिए? और लोहड़ी मनाने वालों को यह भी याद नहीं रहा कि दानवीरों को रसीद भी दी जानी है। RTI में यह भी बताया गया है कि किसने कितना दान दिया है? लेकिन यह दान लिया किसने? इसका भी कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इस आयोजन पर कुल दो लाख सात हजार चार सौ 44 रूपए खर्च किए गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा पेमेंट 65 हजार गायक इशांन भारद्वाज को की गई। इसके बाद 25,690 रूपए रेवड़ियां मुहैया करवाने वाले को की गई है। इसके अलावा तिलचौली के रूप में भी 5,590 रूपए अदा किए गए हैं। लोहड़ी मनाने के लिए कुल 3,03,000 रूपए दान से ही आए हैं।

सवाल जो मांग रहे जबाब।

1. सरकार का काम क्या लोहड़ी या अन्य धार्मिक अनुष्ठान करवाना होता है?

2. लोहड़ी के आयोजन को दान लिया तो फिर रसीद क्यों नहीं दी गई?

3. लोहड़ी के लिए दान किसने और कैसे एकत्रित किया?

4. SDM ऑफिस जब आयोजन करवा सकता है तो फिर आयोजन से जुड़े रिकॉर्ड क्यों नहीं रख पाया?

5. सरकारी लोहड़ी आयोजन के दौरान ऐसा क्या हुआ कि हमीरपुर डीसी से अनुमति तक नहीं ली गई?

भट्टाचार्य का तर्क।

आरटीआई कार्यकर्ता देवाशीष भट्टाचार्य का कहना है कि भोरंज SDM ऑफिस ने सरकारी लोहड़ी के आयोजन से जुड़े अधिकांश रिकॉर्ड पर यह कहते चुप्पी साध ली है कि रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं है। दानवीरों को कोई रसीद नहीं दी गई है, जो यह साफ इशारा कर रही है कि आयोजकों की मंशा साफ नहीं है। सरकारी बैंक खातों से कुछ पेमेंट भी की गई है लेकिन दान का पैसा किस रूप में आया इस पर भी चुप्पी साध ली गई है। प्रशासन को पारदर्शिता से काम करना चाहिए लेकिन भोरंज SDM ऑफिस में सरकारी लोहड़ी के आयोजन को लेकर इस पद्धति को अपनाया ही नहीं गया है।

स्थानीय गायक से ज्यादा तो चाय वाला ले उड़ा!

भोरंज में आयोजित करवाई गई लोहड़ी उत्सव में स्थानीय कलाकार को पांच हजार दिए गए हैं जबकि चाय पिलाने वाला ही 8,200 रूपए ले गया है। एक एंकर को तो दो हजार में ही निपटा दिया गया है जिससे ऐसा लगता है कि ‘अंधा बांटे रेवड़ियां और मुड़ मुड़ अपनों को ही दे’।

25 हजार की मुंगफली!

भोरंज में मनाई गई लोहड़ी पर्व में 25 हजार की मूंगफली और रेवड़ियां खरीदी गई हैं। इस आयोजन के लिए गच्चक, रेवड़ियां और मूंगफली के लिए कुल 25,690 रूपयों का भुगतान किया गया है।

SDM के निर्देश पर हुआ भुगतान।

भोरंज में लोहड़ी मनाने के लिए सरकारी खजाने से भुगतान किया गया है। SDM भोरंज शशिपाल शर्मा ने UCO बैंक भोरंज की शाखा को पत्र लिखकर कुल 1,25,650 रूपए अदा करने के लिए कहा है। यह सारा पैसा देनदारों को उनके खाते में ही बैंक के माध्यम से दिया गया है।

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